युवा नशा पान से दूर रहे नशे की गिरफ्त में शिकार युवा को शादी करने का भी अधिकार नहीं /पंडित युवराज पांडे

अमलेश्वर : नगर पालिका अमलेश्वर में 27 अप्रैल से 02 मई तक प्रसिद्ध कथावाचक युवराज पांडे जी का राम कथा महोत्सव का आयोजन किया गया था ,जिसका मुख्य यजमान महेंद्र साहू व उनके परिवार जन थे , कथा प्रसंग तीन दिन ही सुचारू रूप से चल पाया फिर प्राकृतिक रूप से तेज आंधी तूफान व पानी के कारण से कथा प्रसंग में कुछ व्यवधान भी हुआ जिस वजह से नगर वासियों के साथ दुर – दराज से आए हुए व्यक्तियों को भी जो आनंद व ज्ञान महाराज जी से कथा प्रसंग से मिलना था वह सुचारू रूप से नहीं मिल पाया ,बावजूद राम भक्त उनके निवास स्थान में जाकर महाराज जी से अपने आत्मिक ज्ञानवर्धक जिज्ञासा व संशय रूपी प्रश्नों का समाधान के लिए सवाल-जवाब करते थे जिनका महाराज जी ने उनके शंका समाधान को दूर करने का भरसक प्रयास उत्तर देकर किया करते थे व श्रद्धालूओ को उनके प्रश्नो का जवाब दिया करते थे।
कथा दिवस 2 मई को अंतिम दिन अमलेश्वर प्रेस क्लब के साथियों ने भी महाराज श्री के निवास स्थान जाकर उनसे समाज में व्याप्त शराब रूपी व अन्य नशा के बारे में युवाओं में बढ़ती नशाखोरी के बारे में प्रश्न पूछे तो महाराज जी बोले कि नशे के खिलाफ सतत अभियान चलाए जाने की जरूरत है, बताएं कि साथ ही युवाओं को भी सभी नशे से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करें और कहा कि नशे में गिरफ्त युवा या व्यक्ति स्वयं ही शराब पीकर बर्बाद नहीं होता बल्कि वह अपने मां-बाप ,भाई -बहन , व अपने पत्नी- बच्चे को भी परेशानी व कष्ट देता है ,घर परिवार में आर्थिक तंगी का एक प्रमुख कारण नशाखोरी ही बन जाता है ,व घर परिवार में भी आपसी कलह बढ जाता हैं , इस लिये नशाखोरी युवाओ को बंद करना ही पडेगा ।
*गंभीर नशा से पीड़ित व्यक्ति को शादी करने का भी अधिकार नहीं*
महाराज श्री ने नशे के खिलाफ और कड़े शब्दों में कहा कि जो युवा बहुत ही ज्यादा नशा पान में गिरफ्त है वह किसी युवती से भी शादी ना करें तो ही ठीक ही रहेगा क्योंकि नशे से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक रूप से जल्दी कमजोर हो जाता है, उनका लिवर किडनी जल्दी खराब हो जाता है और समय पूर्व ही बीमारी से अकाल ही मौत हो जाता है, और उनकी पत्नी समय पूर्व विधवा भी हो जाती है स्वयं ही कष्ट में रहकर किसी दूसरे की बेटी का ब्याह कर लाकर उसे कष्ट देना बिल्कुल ही उचित नहीं है ।
आगे पत्रकारों से चर्चा करते हुए महाराज जी ने कहा कि प्रभु श्री राम किसी एक विशेष धर्म संप्रदाय हिंदू का ही नहीं है बल्कि वह पूरे संसार में समस्त मानव समाज व जाति के साथ ही सभी जीवधारियों का पालनहार भी हैं आगे उसने कहां की बच्चों को बचपन से ही धार्मिक संस्कारों से परिचित कराना चाहिए क्योंकि बचपन से ही हम उसे जिस दिशा में उसे घूमना चाहे उस दिशा में उसे घुमा सकते हैं , मार्ग बताना चाहे बता सकते हैं, वही बड़े बढ़ने पर उसे नहीं किया जा सकता है जैसे कि हम छोटी गीली लकड़ी को मोड सकते हैं, और बड़े सुखी लकड़ी को नहीं मोड सकते हैं ठीक इसी प्रकार बच्चों का बचपन का स्वभाव भी होता है ,उसे यदि बचपन से ही अच्छे संस्कार दिया जाए तो आगे चलकर वह निश्चित ही संस्कारवान व्यक्ति बनेगा ।